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अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का भारत दौरा: पीएम मोदी से मुलाकात और व्यापारिक संबंधों पर चर्चा
नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2025 — अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस आज सुबह अपने चार दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। उनके साथ उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चे भी हैं। पालम एयरबेस पर उनका स्वागत केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ सम्मानित किया गया।


BIO
JD वेंस और उषा वेंस की प्रेरणादायक पारिवारिक कहानी
🧑💼 JD वेंस का परिचय
JD वेंस अमेरिका के वर्तमान उपराष्ट्रपति हैं। उनका जन्म 2 अगस्त 1984 को मिडलटाउन, ओहायो में हुआ था।
वो एक अमेरिकी लेखक, उद्यम पूंजीपति और राजनेता हैं। उन्हें प्रसिद्धि उनकी आत्मकथा “Hillbilly Elegy” से मिली, जिस पर Netflix ने फिल्म भी बनाई है।
वह एक कठिन बचपन से निकले हैं और 2019 में उन्होंने कैथोलिक धर्म स्वीकार किया। आज वह अमेरिका के सबसे प्रभावशाली युवा नेताओं में गिने जाते हैं।
👩⚖️ उषा वेंस का परिचय
उषा वेंस, जिनका जन्म 6 जनवरी 1986 को कैलिफोर्निया में हुआ, भारतीय मूल की अमेरिकी हैं।
उनके माता-पिता आंध्र प्रदेश से अमेरिका गए थे। उषा ने येल लॉ स्कूल से पढ़ाई की और कानून की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
वे एक अनुभवी वकील, लेखक और राजनीतिक सलाहकार हैं। वह 2025 में अमेरिका की दूसरी महिला बनीं और साथ ही पहली हिंदू और एशियाई-अमेरिकी सेकेंड लेडी।
💍 विवाह और पारिवारिक जीवन
JD वेंस और उषा की मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई थी। वहीं से दोनों का रिश्ता शुरू हुआ और 2014 में उन्होंने शादी कर ली।
इनके तीन बच्चे हैं:
इवान वेंस (जन्म: जून 2017)
विवेक वेंस (जन्म: फरवरी 2020)
मिराबेल वेंस (जन्म: दिसंबर 2021)
वे अपने बच्चों को मीडिया से दूर रखते हैं और उनकी गोपनीयता का सम्मान करते हैं।

🏠 जीवनशैली और पारिवारिक मूल्य
JD और उषा वेंस सिनसिनाटी, ओहायो में रहते हैं।
वो एक सादगीपूर्ण और पारिवारिक जीवन को महत्व देते हैं। दोनों पति-पत्नी अलग-अलग धार्मिक पृष्ठभूमियों से हैं – JD कैथोलिक और उषा हिंदू हैं – लेकिन वे अपने बच्चों को दोनों संस्कृतियों और विश्वासों का सम्मान करना सिखाते हैं।
वो अक्सर बच्चों को भारतीय त्योहारों में शामिल करते हैं और परिवार के साथ समय बिताने की पूरी कोशिश करते हैं।

🌏 भारत से जुड़ाव
उषा वेंस के पूर्वज भारत के आंध्र प्रदेश के वडलुरु गांव से हैं। 2025 में JD वेंस भारत दौरे पर आए, जिसमें वे अक्षरधाम मंदिर, ताजमहल, और आमेर किले जैसे स्थलों पर गए।
भारत में उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ, और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।
✍️ निष्कर्ष
JD और उषा वेंस की कहानी बताती है कि कैसे दो अलग-अलग संस्कृति और पृष्ठभूमि से आने वाले लोग एक साथ मिलकर परिवार, सेवा और सम्मान के मूल्य जी सकते हैं।
उनका जीवन न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समझदारी और परस्पर सहयोग से हर रिश्ता सफल हो सकता है।

दौरे का उद्देश्य और प्रमुख मुद्दे
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का भारत दौरा एक रणनीतिक और व्यापारिक उद्देश्य से जुड़ा हुआ है। यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रयास का हिस्सा है।
मुख्य चर्चित मुद्दों में शामिल हैं:
व्यापारिक टैरिफ पर बातचीत
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग
QUAD सदस्य देशों के सामरिक समीकरण
भारत और अमेरिका का लक्ष्य 2024 में रहे $190 बिलियन के व्यापार को 2030 तक $500 बिलियन तक ले जाना है। यह दौरा उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पीएम मोदी से मुलाकात
21 अप्रैल 2025 की शाम को जे.डी. वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7, लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की।
इस मीटिंग में दोनों नेताओं ने निम्नलिखित पर चर्चा की:
भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ संतुलन
रक्षा एवं तकनीकी सहयोग
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना
यह बैठक दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत बनाने की दिशा में एक निर्णायक क्षण मानी जा रही है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारिवारिक जुड़ाव
भारत पहुंचने के बाद, उपराष्ट्रपति वेंस अपने परिवार के साथ अक्षरधाम मंदिर पहुंचे जहाँ उन्होंने भारतीय संस्कृति को अनुभव किया।
उनकी पत्नी उषा वेंस, भारतीय मूल की हैं और उनके पूर्वज आंध्र प्रदेश के वडलुरु गांव से हैं।
उनके तीन बच्चों ने पारंपरिक भारतीय पोशाकें पहनीं, जिससे भारतीयों में उनके परिवार के प्रति और अधिक अपनापन देखने को मिला।
यह पहल भारत और अमेरिका के बीच सिर्फ कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव को भी दर्शाती है।
आगामी यात्रा कार्यक्रम
जे.डी. वेंस और उनका परिवार इस भारत यात्रा के दौरान कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण करेंगे:
22 अप्रैल: आगरा में ताजमहल का दौरा
23 अप्रैल: जयपुर में आमेर किला, हवा महल और अन्य स्थल
24 अप्रैल: भारत से अमेरिका वापसी
उनका यह दौरा राजनयिक संबंधों को व्यक्तिगत और मानवीय पहलुओं से जोड़ने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
इस ऐतिहासिक यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि दो लोकतंत्रों के बीच सहयोग केवल समझौतों तक सीमित नहीं, बल्कि आपसी आदान-प्रदान और सम्मान पर आधारित होता है। यह दौरा आने वाले समय में गहरे और सकारात्मक परिणाम देगा।
इस ऐतिहासिक यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि दो लोकतंत्रों के बीच सहयोग केवल समझौतों तक सीमित नहीं, बल्कि आपसी आदान-प्रदान और सम्मान पर आधारित होता है। यह दौरा आने वाले समय में गहरे और सकारात्मक परिणाम देगा।
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